Header Ads Widget

हेमीप्लेजिया से ग्रसित पांच वर्षीय निकेश को फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार से मिली नई जिंदगी

कोण्डागांव : हेमीप्लेजिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के आधे हिस्से में अंग शिथिल पड़ जाते हैं। इसे सामान्य बोलचाल में लकवा कहा जाता है। इसके बच्चों में होने पर बच्चों का शारीरिक विकास सही रूप में नहीं हो पाता है। ऐसे ही भंडारसिवनी मोहलई में रहने वाले निकेश जैन को भी जन्म से हेमीप्लेजिया की शिकायत थी। उनका बायें अंग में आंशिक रूप से लकवे के कारण शिथिलता बनी रहती थी। जिसका प्रभाव उनके पैरों से अधिक हाथों पर था। निकेश बचपन से ही अपना बायां हाथ नहीं चला पाते थे।

निकेश की ऐसी स्थिति को देखकर उनके माता-पिता उसके भविष्य को लेकर सदैव चिंतित रहते थे। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले इस परिवार के पास निकेश को निरंतर विशेष चिकित्सा सुविधाएं दिला पाना संभव नहीं हो पा रहा था। इसके पश्चात् 27 जुलाई 2021 को फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार वाहन के भंडारसिवनी आने के संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर उनके माता-पिता को कम्यूनिटी हैल्थ ऑफिसर की ओर से फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह दी गई थी। जिसके पश्चात् निकेश के पिता द्वारा पहली बार फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार वाहन में जाकर स्वास्थ्य जांच करायी। जहां फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. पद्मनाथ बघेल की ओर से निकेश की जांच कर लगातार फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी गई।

इस संबंध में डॉ. पद्मनाथ बघेल ने बताया कि वाहन के भंडारसिवनी आने पर निकेश को उनके पिता द्वारा जब ईलाज के लिए लाया गया तो जांच में पता चला की उन्हें हेमीप्लेजिया है। जिसके कारण मंद लकवे के लक्षण हैं। जिनका उपचार फिजियोथेरेपी द्वारा संभव हो सकता था। जिसके पश्चात् उनका उपचार वाहन में ही प्रारंभ किया गया। जहां आधुनिक पद्धति की चिकित्सा व उपकरणों द्वारा उनका ईलाज किया गया। गांव में प्रत्येक बार वाहन आने पर निकेश के पिता निकेश को लेकर उपचार के लिए आया करते थे। कई बार उनके द्वारा जिला अस्पताल में साईकिल द्वारा पहुंच निकेश का स्वास्थ्य परीक्षण एवं फिजियोथेरेपी कराई गई।

इसके आगे डॉ. बघेल ने बताया कि फिजियोथेरेपी उपचार प्रारंभ होने के बाद धीरे-धीरे निकेश का हाथ में हरकत प्रारंभ हो गयी है, जो पहले संभव नहीं हो पाती थी। निकेश के बेहतर उपचार हेतु उसे घर में भी रोजाना व्यायाम की आवश्यकता को देखते हुए व्यायाम मशीन लेने की सलाह दी परन्तु आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण परिवार मशीन का खर्च वहन नहीं कर सकता था। जिसे देखते हुए उन्होंने खुद जिला अस्पताल दंतेवाड़ा के शारीरिक पुनर्वास विभाग मे संपर्क कर बच्चे के हाथों के लिए नि:शुल्क डायनिमिक फाक-अप स्प्लीट निर्माण के लिए कहा गया। जहां कृत्रिम उपकरण केन्द्र के अभियंता अनरूद्ध प्रसाद की ओर से बच्चे को स्वस्थ करने के लिए उपकरण निर्माण में रूचि दिखाई। जिसपर जिला प्रशासन की ओर से बच्चे को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल भेजा गया। जहां निकेश के लिए उपकरण तैयार कर उसे दिया गया, साथ ही शारीरिक पुनर्वास विभाग की प्रभारी डॉ. सुनिता अग्रवाल की ओर से फिजियोथेरेपी व दैनिक व्यायाम के संबंध में उसे सलाह देते हुए सिखया गया। जिसका फायदा निकेश को हुआ।

निकेश के पिता द्वारा लगातार जिले के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. बघेल से समय-समय पर मोबाईल की ओर से संपर्क कर सलाह लेते हुए स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएं दी जाती है। अब निकेश की जिंदगी में धीरे-धीरे परिवर्तन आना प्रारंभ हो गया है। पहले निकेश के हाथों में जरा भी हरकत नहीं हुआ करती थी, वहां अब धीरे-धीरे हरकत प्रारंभ हो गयी है। निकेश भी अपने हाथों को देख खुश रहा करता है। फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार से निकेश को नई जिंदगी प्राप्त हुई है। जिसमें वह खुद को अब अशक्त महसूस नहीं करेगा। डॉ. बघेल ने बताया कि इस ईलाज से धीरे-धीरे निकेश पूर्णत: स्वस्थ होने के साथ सामान्य रूप से जीवन व्यतित कर सकेगा।

ज्ञात हो कि फिजियोथेरेपी तुमचो दुवार का शुभारंभ 27 जनवरी 2021 को कोंगेरा में आमसभा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से किया गया था। यह वाहन निकेश जैसे सैकड़ों लोगों के लिये वरदान साबित हुआ है। इसके द्वारा लकवा, जोड़ो के दर्द, आर्थराइटिस, पार्किंसन जैसे जटिल रोगों से ग्रसित लोगों का ईलाज फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा गांव-गांव जाकर किया जा रहा है।

Post a Comment

0 Comments

Random Posts