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हमें अपनी सभ्यता , संस्कारों को जीवंत रखना है - पीएम मोदी

 


अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 


आबूरोड - आज से ब्रह्मकुमारी संस्थान के द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिये भावना भी है , साधना भी है। इसमें देश के लिये प्रेरणा भी है और ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं। अमृत काल का यह समय हमारे ज्ञान , शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्रचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होंगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा।

              उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा "आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर" (अमृत महोत्सव) कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहीं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज करोड़ों देशवासी भारत की नींव रख रहे हैं। भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि कैसा भी समय आये और कितना भी अंधेरा जाते ? भारत अपने मूल स्वभाव को बनाये रखता है। उन्होंने आगे कहा हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसकी जड़ें परंपरा से जुड़ी होंगी, हमें अपने सभ्यता, संस्कारों को जीवंत रखना हैं। हमें अपनी विरासत को संभाल कर रखना है। इसके साथ ही तकनीक सहित हर क्षेत्र में देश को आधुनिक भी बनाना है। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। ये भाव, ये बोध नये भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है।आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है। उन्होंने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो। एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो। हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं , जिसकी सोच और अप्रोच नई है और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। पीएम ने कहा कि बीते 75 साल में देश में सबसे बड़ी बुराई आयी वो थी कर्त्तव्यों को भूलकर केवल अधिकारों की बात करना। बीते 75 साल में हम अधिकारों के लिये लड़ते रहे , समय खपाते रहे लेकिन कर्त्तव्यों को भूल गये। कर्तव्य भूलकर केवल अधिकारों की बात करने से नुकसान हुआ है। बीते 75 साल में कर्त्तव्यों को दूर करने से कमियां और नुकसान हुये हैं , इसकी भरपाई आने वाले 25 साल में कर्तव्य की साधना करके पूरी कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है। उन्होंने आगे कहा दुनियां जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं। पीएम ने कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं। अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी बेटियां भी अब देश रक्षा में योगदान दे रही हैं , एनडीए में बेटियों का एडमिशन हो रहा है। देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। वर्ष 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री सम्हाल रही हैं। अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है। यह बदलाव साफ संकेत है कि नया भारत कैसे होगा और कितना सामर्थ्यशाली होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है। अपनी आध्यात्मिकता को , अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है। पीएम ने आगे कहा कि आज किसानों को आत्मनिर्भर बनाने नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है। गुणवत्ता युक्त आहार के लिये गुणवत्तायुक्त उत्पादन भी जरूरी है। नेचुरल फार्मिंग के लिये ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थान बड़ा योगदान कर सकते हैं। दुनियां को क्लीन एनर्जी में भारत से बहुत अपेक्षायें हैं। जनजागरण के लिये बड़े अभियान की जरूरत है।' प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुये कहा देश को बदनाम करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर षड्यंत्र चल रहा है। आज आजादी के अमृत महोत्सव पर यह भी जरूरी है कि दुनियां के देशों में भारत के बारे में सही बात जाये। वैश्विक संस्थायें भारत के बारे में सही जानकारी दें। ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थायें यह काम कर सकती हैं। ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थायें अपनी बाहर की ब्रांचों से हर साल कम से कम पांच सौ विदेशी लोगों को भारत की यात्रा पर लायें। इससे वे लोग बाहर जाकर हमारे देश के बारे में बतायेंगे और एक सही छवि बनेगी।

इस कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला , प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी , गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी जुड़े थे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस समारोह में पीएम ने आध्यात्मिक संगठन ब्रह्मा कुमारी की ओर से 'आजादी का अमृत महोत्सव' को समर्पित एवं साल भर चलने वाले कार्यक्रमों का उद्घाटन भी किया। ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की अध्यक्षता में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एवं अभियान में देश ही नहीं बल्कि विदेश से हस्तियां भी शामिल हुईं। ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बी.के मोहिनी न्यूयार्क से उपस्थित रहीं। इस अवसर पर ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित एक्टर रिक्की केज की ओर से एक वीडियो एलबम भी रिलीज किया गया। ब्रह्माकुमारी संस्थान ने प्रधानमंत्री के हरी झंडी दिखाने के बाद अनदेखा भारत सड़क सुरक्षा साइकिल रैली निकाली। 


अभियानों का समापन नवंबर 2022 में 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगाज किये गये अभियानों में वैक्सीनेशन अभियान के तहत - गांव-गांव में लोगों के लिये वैक्सीन लगाने और जागरूक करने।आत्मनिर्भर किसान के तहत किसानों को यौगिक-जैविक खेती के प्रति जागरूक करने। महिलायें अभियान के तहत - नये भारत की ध्वज वाहक अभियान। अनदेखा भारत साइकिल रैली - सड़क सुरक्षा के लिये देश भर में 150 बाइक रैली- एक बाइक रैली में 75 बाइक शामिल होंगी। सभी रैलियों को मिलाकर 25 हजार किमी की दूरी तय की जायेगी।  युवाओं को सशक्त बनाने के लिए 'बस यात्रा' और 'स्वच्छ भारत अभियान। ये सभी अभियान देशभर में ब्रह्माकुमारी के सेवा केन्द्रों की ओर से चलाये जायेंगे। पूरे साल भर चलने वाले इन अभियानों में 15 हजार कार्यक्रमों के जरिये 10 करोड़ लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका समापन विशाल रूप में संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में नवंबर-2022 को किया जायेगा।


अभियान का उद्देश्य 


इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य देश प्रेम की भावना का जागरण , भावी पीढ़ी और राष्ट्र निर्माण , युवाओं में चरित्र निर्माण , खुशहाल अन्नदाता , व्यसनमुक्त भारत , शांति का संदेश , मानव में नैतिक मूल्यों का विकास और सकारात्मक प्रेरणा है। युवा , किसान , पर्यावरण और महिलाओं पर रहेगा विशेष फोकस

अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इन कार्यक्रमों में ब्रह्माकुमारी की ओर से युवा वर्ग , महिला वर्ग , किसान और पर्यावरण संरक्षण को लेकर विशेष कार्यक्रम , सभा , सम्मेलन , संगोष्ठी और अभियानों का आयोजन किया जायेगा। इन सभी कार्यक्रमों का मकसद स्वर्णिम भारत की संकल्पना को साकार करना है। साथ ही हमारी प्राचीन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: का उद्घोष करते हुये स्वतंत्रता के वास्तविक मूल्यों को मंगल कामना के साथ भारत को दोबारा विश्वगुरू के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित करना है।

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