महेंद्र शर्मा बंटी छत्तीसगढ़ रिपोटर--धर्म नगरी डोंगरगढ़ में पिछले कई वर्षों से पीटा एक्ट लागू है इसका मतलब होता है "प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ह्यूमन ट्रैफिकिंग - परंतु इसे विडंबना ही माने की इस एक्ट को लागू तो कर दिया गया परंतु आज तक इस एक्ट के तहत कार्यवाही जीरो हुई है.... जिसके बाद अब आम जनता के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या महज धर्म नगरी डोंगरगढ़ को एक दाग स्वरूप इस एक्ट से नवाजा गया है.... अमूमन यह एक्ट कहा लगता है यह तो आप सब जानते ही हैं ऐसे में जानकार मानते हैं कि कुछ साल बाद क्या इस क्षेत्र के लिए भी लोगो की सोच इस एक्ट का नाम सुनते ही वैसी ही हो जाएगी जैसे की बाकी स्थानों के लिए होती है.... एक दलील यह मिलती है की इस एक्ट को ऐतिहातन लगाया गया है तो फिर आज तक कार्यवाही जीरो क्यों है ? क्या इसके पीछे धर्म नगरी डोंगरगढ़ को इरादतन बदनाम करने की कोशिश तो नही और अगर ऐसा नहीं तो आखिर इस एक्ट के कार्यवाही कब होगी ?
*प्रश्न जनता की ओर से है --*
क्या आने वाले समय में धर्म नगरी डोंगरगढ़ के माथे पर लगे इस पीटा एक्ट रूपी दाग से क्या जिले के बॉस दिला पाएंगे निजात?
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