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वैदिक पंचांग 13-06-2022

 


🕉️ll ~ वैदिक पंचांग ~ll 🕉️

⛅दिनांक 13 जून 2022

⛅दिन - सोमवार

⛅विक्रम संवत - 2079

⛅शक संवत - 1944

⛅अयन - उत्तरायण

⛅ऋतु - ग्रीष्म

⛅मास - ज्येष्ठ

⛅पक्ष - शुक्ल

⛅तिथि - चतुर्दशी जून 12 रात्रि 12:27 से 13 जून रात्रि 09:02 तक

⛅नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 09:24 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा

⛅योग - सिद्ध दोपहर 01:43 तक तत्पश्चात साध्य

⛅राहुकाल - सुबह 07:35 से 09:17 तक

⛅सूर्योदय - 05:27

⛅सूर्यास्त - 06:26

⛅दिशाशूल - पूर्व दिशा में

⛅ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:30 से 05:12 तक

⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.19 से 01:01 तक

⛅व्रत पर्व विवरण - चतुर्दशी पूर्णिमा

⛅ विशेष - चतुर्दशी के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।

 (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


🌹पुदीना🌹


🔹पुदीना गर्मियों में विशेष उपयोगी एक सुगंधित औषध है  यह रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, ह्रदय-उत्तेजक, विकृत कफ को बाहर लानेवाला, गर्भाशय-संकोचक बी चित्त को प्रसन्न करनेवाला हैं ।


🔹पुदीने के सेवन से भूख खुलकर लगती है और वायु का शमन होता हैं । यह पेट के विकारों में विशेष लाभकारी है । श्वास, मुत्राल्पता तथा त्वचा के रोगों में भी यह उपयुक्त है ।


 🔹औषधि प्रयोग🔹 


१] पेट के रोग : अपच, अजीर्ण, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, पेचिश, पेट में मरोड़, अतिसार, उलटियाँ, खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है ।


३] गर्मियों में : गर्मी के कारण व्याकुलता बढ़ने पर एक गिलास ठंडे पानी में पुदीने का रस तथा मिश्री मिलाकर पीने से शीतलता आती है ।


४] पाचक चटनी : ताजा पुदीना, काली मिर्च, अदरक, सेंधा नमक, काली द्राक्ष और जीरा – इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़ कर खाने ने रूचि उत्पन्न होती है, वायु दूर होकर पाचनशक्ति तेज होती है । पेट के अन्य रोगों में भी लाभकारी है ।


५] उलटी-दस्त, हैजा : पुदीने के रस में नींबू का रस, अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है ।


६] सिरदर्द : पुदीना पीसकर ललाट पर लेप करें तथा पुदीने का शरबत पिएं ।


७] ज्वर आदि : गर्मी में जुकाम, खाँसी व ज्वर होने पर पुदीना उबाल के पीने से लाभ होता है ।


८] नकसीर : नाक में पुदीने के रस की ३ बूँद डालने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता है ।


९] मूत्र-अवरोध : पुदीने के पत्ते और मिश्री पीसकर १ गिलास ठंडे पानी में मिलाकर पिएं ।


१०] गर्मी की फुंसियाँ : समान मात्रा में सूखा पुदीना एंव मिश्री पीसकर रख लें । रोज प्रात: आधा गिलास पानी में ४ चम्मच मिलाकर पिएं ।


११] हिचकी : पुदीने या नींबू के रस-सेवन से राहत मिलती है ।


🔹विशेषः पुदीने का ताजा रस लेने की मात्रा है 5 से 20 ग्राम । पत्तों का चूर्ण लेने की मात्रा 3 से 6 ग्राम । काढ़ा लेने की मात्रा 20 से 40 ग्राम । अर्क लेने की मात्रा 20 से 40 ग्राम । बीज का तेल लेने की मात्रा आधी बूँद से 3 बूँद ।

 

         🕉️ ~  पंचाग ~ 🕉️

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