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अवि शर्मा का नाम लंदन वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

 



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 


लंदन - वैदिक गणित में ख्याति प्राप्त और बालमुखी रामायण के रचियता इंदौर निवासी अवि शर्मा को लंदन के  मेरियट होटल में लंदन वर्ल्ड आफ बुक रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। सातवीं कक्षा में अध्ययनरत बारह साल की छोटी सी उम्र में उनके इस उपलब्धि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी प्रभावित हो चुके हैं। अवि इससे पहले पीएम मोदी से भी सम्मानित हो चुके हैं। दो साल के उम्र में अवि श्लोक और मंत्रों का उच्चारण करने लगे थे , ढाई साल के होते होते इन्होंने लगभग 200-300 हिंदी और अंग्रेजी कवितायें याद कर ली थीं।इसके अलावा रंगों की पहचान , बैंकों के नाम और एटीएम की परख उन्हें बायें हाथ का काम लगता। उनके माता-पिता ने अपने बच्चे की अद्भुत प्रतिभा को आसानी से परख लिया।माता-पिता ने उसे मोटिवेट किया तो अवि ने दो साल की उम्र में स्टेज पर पहला कदम रख दिया। वे स्टेज पर अपनी परफार्म्स से सभी को हैरान करने लगे और जल्द ही पूरा देश उनके टैलेंट का दीवाना हो गया। वे कई टीवी शो और विज्ञापन करने लगे। उन्होंने चार लघु फिल्मों और एक संगीत एल्बम में भी काम किया है। भारतीय पौराणिक कथाओं , प्रबंधन , ओलंपियाड , एंकरिंग और ना जाने कितने क्षेत्रों में वे लगातार आगे बढ़ते गये। वे आज एक जाने माने होस्ट , एंकर , मोटिवेशन स्पीकर , मिशन संस्कार के संस्थापक हैं और वैदिक गणित के सबसे युवा गुरु होने का खिताब भी इनके ही नाम हैं। उन्हें देश का वंडर बॉय भी कहा जाता है , जो दुनियां भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। इनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है। अवि की सफलता पर उनकी मां वनिता और पिता अमित शर्मा काफी खुश हैं , वहीं अवि ने हम उम्र के बच्चो को संदेश दिया है कि वे जिस काम मे दक्ष है , उसी कार्य मे जाकर अपना व अपने देश या नाम रौशन करें।



कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल


अवि के नाम दो एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड्स हैं। वर्ष 2020 और 2021 में उन्हें ये उपलब्धि हासिल हुई। उनके नाम तीन इंडिया बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड्स भी हैं। वे इंटरनेशनल आइकॉन अवार्ड विजेता हैं , यूथ आइकन अवार्ड से भी अवि को नवाजा गया है। OMG BOOK OF RECORDS में भी उनका नाम है , इसके साथ ही वे मालव रतन , इंदौरी रतन भी रह चुके हैं। अवि को नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड ,। प्राईड आफ इंडिया अवार्ड  जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय , राष्ट्रीय और राज्य सम्मान प्राप्त हैं। उन्हें उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी बुक बालमुखी रामायण के लिये प्रसंशापत्र प्राप्त हुआ है। इसके अलावा अवि विभिन्न ओलंपियाड में अब तक 20 गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।


बालमुखी रामायण की रचना


दस साल की छोटी उम्र में अवि ने 250 छंदों में अपने शब्दों में रामायण लिख डाली , उन्होंने इसे "बालमुखी रामायण " का नाम दिया। अवि ने इसे सरल हिंदी भाषा में लिखा ताकि हर कोई इसे पढ़ सके और समझ सके।  बालमुखी रामायण लिखने का उनका मकसद काफी नेक था , वे इससे कोरोना काल में हताश और निराश लोगों को प्रेरित करना चाहते हैं।


वैदिक गणित के गुरु


अवि की पहचान वैदिक गणित के गुरु के रूप में भी है। कोरोना काल में उन्होंने करीब डेढ़ सौ छात्रों को मुफ्त में वैदिक गणित के गुर सिखाये , ताकि बच्चे तेजी से और सटीकता के साथ गणना कर सकें। उनके छात्रों में कक्षा तीसरी से लेकर बारहवीं तक के बच्चे शामिल हैं।


सिलेब्रिटी कॉर्नर विद अवि


अवि अपना ऑनलाइन इंटरव्यू शो सैलिब्रिटी कार्नर के नाम चलाते हैं। वे अब तक 60 से ज्यादा लोगों के इंटरव्यू ले चुके हैं , जिनका अवि ने इंटरव्यू लिया है वो समाज के नामचीन लोग हैं , जिन्होंने अपने अपने फील्ड में बड़ा नाम कमाया है। आईआईएम इंदौर के निदेशक डॉ. हिमांशु राय , एयरपोर्ट डायरेक्टर अर्यमा सन्याल , मोटू पतलू सीरीज के निर्माता डॉ हरविंदर मन्नकर का वे इंटरव्यू ले चुके हैं। इनके अलावा अभिनेता पंकज बेरी ,  फिल्म और टीवी सीरियल निर्माता निर्देश रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर का भी इंटरव्यू लिया है। साथ ही वे दूरदर्शन के पूर्व डायरेक्टर मुकेश शर्मा के अलावा भी अवि ने मिस एशिया यूनिवर्स , कई गायकों , लेखकों और दूसरे कई प्रसिद्ध लोगों का इंटरव्यू लिया है। अवि कई स्कूलों में मैनेजमेंट और मोटिवेशनल स्पीच दे चुके हैं। अवि के व्यक्तित्व का एक और पहलू भी है कि उन्होंने कई इंटरस्कूल प्रतियोगितायें और फैशन शो भी जीते हैं।


मिशन संस्कार के जनक


अवि इस छोटी उम्र में "मिशन संस्कार" नाम की संस्था चला रहे हैं , जिसके तहत वह बच्चों में भारतीय संस्कृति , धर्म और पौराणिक कथाओं के जरिये संस्कृति के प्रति प्रेम और जागरूकता पैदा करना चाहते हैं। वे देश के बच्चों को अपनी गौरवशाली संस्कृति के बारे में जानकारी देते हैं। अवि ऑनलाइन छोटी-छोटी कहानियां लोगों को सुनाते हैं। वे चाहते हैं कि देश के लोगों में आदर्श का विकास हो , लोग सकारात्मक सोचें और मोटिवेट रहें ताकि देश का भविष्य उज्ज्वल हो।

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