कोरबा : जून महीने के बीते 10 दिन में बिजली की डिमांड में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 15 मई के बाद ये पहली बार हो रहा है जब बिजली की डिमांड अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मई के आखिरी पखवाड़े में डिमांड 37 सौ मेगावॉट थी। जो कि 10 जून की स्थिति में 46 सौ मेगावॉट को पार कर चुकी है। लोड बढ़ते ही शहरों में ट्रांसफार्मर जवाब देने लगे हैं। बीते तीन महीने बिलासपुर संभाग के जिलों में 542 से अधिक ट्रांसफार्मर खराब हुए।,
कोरबा शहर में सामान्य दिनों में बिजली की खपत 22 लाख यूनिट होती है। भीषण गर्मी की वजह से खपत में 30 फीसदी का इजाफा हो गया है। करीब सवा पांच लाख यूनिट की खपत अधिक हो रही है। एक जून से 10 जून के बीच 8 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। बिलासपुर जिले में जितनी बिजली की डिमांड अप्रैल और मई में नहीं थी। उतनी अभी पड़ रही हैं। अप्रैल व मई में बिजली की खपत 80 से 85 मेगावॉट थी। जो कि सिर्फ 10 दिनों में 77 मेगावॉट बिजली की खपत हो चुकी है। इसी तरह बिजली का लोड बढ़ते ही अप्रैल में 131 और मई में 238 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। जांजगीर में जून माह के 8 दिनों में करीब 4 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई है।
वहीं मार्च में 4 अप्रैल में 56 व मई माह में 49 ट्रांसफार्मर जले हैं। जिले में मार्च में 1 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई। वहीं अप्रैल में बढ़कर 1 करोड़ 77 लाख यूनिट खर्च हुई। मई में 14 करोड़ यूनिट के करीब बिजली खपत हुई। अंबिकापुर शहर में मार्च के बाद से हर महीने 15 से 20 प्रतिशत बिजली की खपत बढ़ी है। लोड बढ़ने की वजह से सरगुजा में लगभग 8 से 10 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। जशपुर डिवीजन 5 ट्रांसफार्मर खराब हुए। रायगढ़ जिले में मार्च में बिजली की डिमांड 18 करोड़ यूनिट, वर्तमान में करीब 19.10 करोड़ यूनिट की खपत हो रही है। बीते तीन माह में 105 ट्रांसफार्मर खराब हुवे।
उपकरण स्टोर में नहीं, मरम्मत भी समय पर नहीं
बिजली की मांग बढ़ी है तब-तब ट्रांसफार्मर समेत अन्य उपकरण खराब होते रहे। प्रदेश के सभी जिलों में उपकरणों के खराब होने और बिजली के तारों के टूटने की वजह से घंटों बिजली गुल रही। बीते दो महीने में थोक में बिजली बंद होने की शिकायतें सामने आई। इन शिकायतों को दूर करने में एसईआरसी की टाइम लिमिट भी फेल हो गई।
किन शहरों में कितनी शिकायतें दर्ज
शहर
शिकायत
रायपुर 35931
बिलासपुर 13847
दुर्ग-भिलाई 13999
कोरबा 3187
रायगढ 1966
अंबिकापुर 1130
जांजगीर 842
जगदलपुर 1816
(बीते डेढ़ महीने में)
बिजली की डिमांड जैसे उपकरणों पर लोड बढ़ता है। जहां भी फॉल्ट की शिकायतें आती हैं उसे तत्काल दूर कर आपूर्ति बहाल करने की कोशिश होती है।
अनुपम सरकार, डीई. वितरण विभाग
•सीजन के उच्चतम स्तर से 7 सौ मेगावॉट ही दूर
इस पूरे गर्मी सीजन में 19 अप्रैल की शाम पांच बजे बिजली की डिमांड सबसे अधिक थी। 5299 मेगावॉट बिजली की डिमांड बीते एक साल में सबसे अधिक दर्ज किया गया था। सीजन की उच्चतम मांग से वर्तमान में सिर्फ 7 सौ मेगावॉट ही दूर है। आने वाले दिनों में किसान खेती के लिए मोटर चलाएंगे। तब फिर से बिजली की डिमांड बढ़ेगी।
बिजली की डिमांड इस तरह बढ़ते चले गई
प्रदेश में बिजली की डिमांड 31 मई के बाद तेजी से बढ़ी है। 31 मई को डिमांड 34 सौ मेगावॉट डिमांड थी। 3 जून तक डिमांड 37 सौ मेगावॉट के करीब पहुंची। इसके बाद 6 जून को यह 42 सौ मेगावॉट तक खपत हुई। इसके बाद 8 जून को 44 सौ मेगावॉट और 10 जून को 46 सौ मेगावॉट के करीब बिजली की डिमांड रही। प्रदेश में हर तीसरे दिन औसतन डेढ़ सौ मेगावॉट अधिक खपत हो रही है।
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